शादी के लिए जन्म कुंडली से कुंडली मिलान कैसे करें?

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कुंडली मिलान, जिसे विवाह के समय ज्योतिषीय परंपरा के रूप में देखा जाता है, का मुख्य आधार जन्म कुंडली होती है। जन्

शादी के लिए जन्म कुंडली से कुंडली मिलान

कुंडली मिलान, जिसे विवाह के समय ज्योतिषीय परंपरा के रूप में देखा जाता है, का मुख्य आधार जन्म कुंडली होती है। जन्म कुंडली व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के आधार पर बनाई जाती है। कुंडली से कुंडली मिलान का सफर निम्नलिखित चरणों से होकर गुजरता है:

1. जन्म कुंडली बनाना (Janam Kundali In Hindi):

  • जन्म कुंडली (Janam Kundali In Hindi) को बनाने के लिए तीन मुख्य जानकारियाँ चाहिए होती हैं: नाम, जन्म की तारीख, जन्म का समय, और जन्म स्थान।
  • इन जानकारियों के आधार पर ग्रहों की स्थिति और बारह भावों का निर्धारण होता है। यह कुंडली व्यक्ति के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव डालने वाले ग्रहों का विवरण देती है।

2. ग्रहों और राशियों की स्थिति:

  • कुंडली में 12 राशियों और 9 ग्रहों की स्थिति होती है। प्रत्येक ग्रह किसी न किसी भाव में स्थित होता है, और यह उस व्यक्ति के स्वभाव, स्वास्थ्य, शिक्षा, करियर आदि को प्रभावित करता है।
  • इसके अलावा, व्यक्ति की राशि (लग्न) और चंद्र राशि का भी महत्त्व होता है।

3. कुंडली मिलान (Kundali Milan in Hindi) का महत्त्व:

  • जब दो व्यक्तियों के विवाह का प्रस्ताव होता है, तो उनकी कुंडलियों को मिलाया जाता है ताकि यह देखा जा सके कि उनकी संगति कैसी होगी।
  • कुंडली मिलान (Kundali Milan in Hindi) के लिए अष्टकूट मिलान का उपयोग किया जाता है, जिसमें 36 गुणों का मिलान किया जाता है। जितने अधिक गुण मिलते हैं, विवाह के सफल होने की संभावना उतनी ही अधिक मानी जाती है।

4. अष्टकूट मिलान:

  • अष्टकूट मिलान में आठ प्रकार के गुणों की तुलना की जाती है:
    1. वर्ण - मानसिक संगति
    2. वश्य - नियंत्रण क्षमता
    3. तारा - भाग्य और स्वास्थ्य
    4. योनि - शारीरिक संगति
    5. ग्रह मैत्री - ग्रहों की मित्रता
    6. गण - स्वभाव की तुलना
    7. भकूट - भावनात्मक संगति
    8. नाड़ी - स्वास्थ्य और संतान
  • हर गुण का एक अंक होता है, और कुल 36 अंक होते हैं। 18 से अधिक गुण मिलना शुभ माना जाता है।

5. दोषों का समाधान:

  • अगर कुंडली मिलान में कुछ दोष निकलते हैं, जैसे मांगलिक दोष, तो ज्योतिषी उपाय सुझाते हैं, जिनसे इन दोषों के प्रभाव को कम किया जा सके।
  • इसके लिए विशेष पूजा, मंत्र जाप, या रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।

6. फाइनल निर्णय:

  • कुंडली मिलान के बाद, यदि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से दोनों की संगति ठीक बैठती है, तो विवाह के लिए आगे बढ़ा जाता है।
  • इसके अलावा, दोनों परिवारों की आपसी समझ और व्यक्ति के व्यक्तिगत गुणों को भी ध्यान में रखा जाता है।

कुंडली मिलान भारतीय समाज में एक पारंपरिक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विवाह के बाद पति-पत्नी के बीच प्रेम, समझ, और सामंजस्य बना रहे।

 

 

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